प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया (Light Reaction of Photosynthesis): ऊर्जा और जीवन का रहस्य

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ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

प्राचीन समय से ही यह माना जाता रहा है कि पौधे अपना पोषण जड़ों के माध्यम से प्राप्त करते हैं। लेकिन 1772 में स्टीफन हेलेस ने पहली बार यह बताया कि पौधों की पत्तियाँ भी वायु से भोजन लेती हैं और इस प्रक्रिया में प्रकाश की अहम भूमिका होती है।

इसके बाद 1772 में ही जोसेफ प्रीस्टले ने एक दिलचस्प प्रयोग किया। उन्होंने देखा कि जब किसी बंद बर्तन में मोमबत्ती जलाई जाती है, तो वह थोड़ी देर बाद बुझ जाती है। लेकिन यदि उसी बर्तन में हरे पौधे रख दिए जाएँ, तो मोमबत्ती लंबे समय तक जलती रहती है। प्रीस्टले ने 1775 में यह स्पष्ट किया कि पौधे दिन के समय जिस गैस को छोड़ते हैं, वह ऑक्सीजन होती है।

इसके बाद 1779 में इंजन हाउस ने बताया कि हरे पौधे सूर्य के प्रकाश में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इसी प्रक्रिया के दौरान सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करते हुए प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया (Light Reaction of Photosynthesis) होता है, जिसमें प्रकाश की सहायता से ऑक्सीजन मुक्त होती है और ऊर्जा का संचय होता है।

1804 में डी. सासूर ने यह सिद्ध किया कि पौधे दिन और रात में श्वसन के लिए ऑक्सीजन लेते हैं, लेकिन प्रकाश संश्लेषण के दौरान अतिरिक्त ऑक्सीजन बाहर छोड़ते हैं। इस प्रकार, पूरे दिन पौधे ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं, लेकिन कार्बन डाइऑक्साइड से ऑक्सीजन का निर्माण केवल प्रकाश संश्लेषण के समय ही होता है।

अंततः 1887 में सास ने बताया कि जब हरे पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, तो इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप पौधों में स्टार्च का निर्माण होता है। इस पूरी प्रक्रिया में प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया (Light Reaction of Photosynthesis) का अहम योगदान होता है, क्योंकि यही वह चरण है जिसमें प्रकाश की ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदला जाता है और ऑक्सीजन का उत्सर्जन होता है।

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प्रकाश प्रतिक्रिया क्या है?

प्रकाश प्रतिक्रिया वह प्रक्रिया है, जिसमें सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग कर ATP (Adenosine Triphosphate) और NADPH (Nicotinamide Adenine Dinucleotide Phosphate) का निर्माण होता है। यह प्रक्रिया केवल सूर्य की रोशनी में ही होती है और यही प्रकाश संश्लेषण की पहली और सबसे महत्वपूर्ण अवस्था होती है। इस प्रतिक्रिया में जल अणु का विघटन कर ऑक्सीजन गैस भी बनती है, जो वायुमंडल में मुक्त होती है।

प्रकाश प्रतिक्रिया क्या है?

प्रकाश प्रतिक्रिया कहां होती है?

प्रकाश प्रतिक्रिया क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) नामक कोशिकांग के थायलाकोइड (Thylakoid Membranes) नामक भाग में होती है। थायलाकोइड झिल्लियां आपस में जुड़ी होती हैं और एक-एक थैली जैसी संरचना बनाती हैं, जिन्हें ग्रेना (Grana) कहा जाता है। यहीं पर क्लोरोफिल और अन्य पिगमेंट प्रकाश को अवशोषित करते हैं।

प्रकाश संश्लेषण का महत्व और Light Reaction of Photosynthesis की भूमिका

हरे पौधों में होने वाली प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सम्पूर्ण जीवन जगत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रक्रिया में पौधे सूर्य की ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदलते हैं और साधारण पदार्थों जैसे कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और पानी से जटिल कार्बन यौगिक यानी कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं। यही कार्बोहाइड्रेट्स मनुष्य और अन्य जीव-जंतुओं का मुख्य भोजन होते हैं। इस प्रकार, पौधे अपने प्रकाश संश्लेषण के ज़रिए सम्पूर्ण प्राणी जगत का पोषण करते हैं।

प्रकाश संश्लेषण की light reaction of photosynthesis प्रक्रिया के दौरान सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग कर पौधे ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं और वातावरण को शुद्ध बनाए रखते हैं। यह क्रिया जीवन के लिए बेहद ज़रूरी ऑक्सीजन प्रदान करती है, जिसे सभी जीव-जंतु श्वसन में प्रयोग करते हैं। साथ ही, पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी इस प्रक्रिया की अहम भूमिका है।

खेती-बाड़ी के लिए भी प्रकाश संश्लेषण का बड़ा महत्व है। विभिन्न फसलें, जिनसे कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और विटामिन मिलते हैं, इसी प्रक्रिया के ज़रिए पौधों में तैयार होते हैं। इतना ही नहीं, रबर, प्लास्टिक, तेल, सेल्यूलोज और कई औषधियाँ भी पौधों में प्रकाश संश्लेषण के दौरान बनती हैं।

मत्स्य-पालन में भी इसका महत्व है। जब जल में प्रकाश संश्लेषण धीमा हो जाता है, तो कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे मछलियों के लिए खतरा पैदा हो जाता है।

इसके अलावा, प्रकाश संश्लेषण जैव ईंधन बनाने में भी सहायक है। पौधे सौर ऊर्जा की मदद से जैव ईंधन तैयार करते हैं, जो आगे चलकर विभिन्न ऊर्जा स्रोतों में बदला जाता है। उदाहरण के लिए — पशुओं का चारा, जिससे गोबर, कृषि अवशेष से खाना पकाने का ईंधन आदि।

मनुष्यों के लिए भी यह प्रक्रिया अप्रत्यक्ष रूप से लाभकारी है। इंसान अपनी त्वचा में सूर्य के प्रकाश द्वारा विटामिन D बनाता है। कुछ समुद्री घोंघे भी अपने आहार में शैवाल ग्रहण कर उसमें मौजूद क्लोरोप्लास्ट से प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया (Light Reaction of Photosynthesis) करते हैं।

प्रकाश संश्लेषण और श्वसन दोनों एक-दूसरे के पूरक और विपरीत क्रियाएँ हैं। प्रकाश संश्लेषण में कार्बन डाइऑक्साइड और जल की मदद से ग्लूकोज बनता है और ऑक्सीजन मुक्त होती है। जबकि श्वसन में उसी ग्लूकोज के ऑक्सीकरण से ऊर्जा मिलती है और कार्बन डाइऑक्साइड व जल उत्पन्न होता है।

प्रकाश संश्लेषण रचनात्मक क्रिया है, जिससे पौधों का सूखा भार बढ़ता है, जबकि श्वसन एक नासात्मक क्रिया है, जिससे सूखा भार घटता है। प्रकाश संश्लेषण में सौर्य ऊर्जा भोजन में संग्रहित होती है और श्वसन में उसी ऊर्जा का उपयोग जीव-जंतु अपनी दैनिक क्रियाओं में करते हैं। दोनों प्रक्रियाएँ एक-दूसरे पर निर्भर रहकर जीवनचक्र को बनाए रखती हैं।

प्रकाश-संश्लेषण की रासायनिक अभिक्रिया इस प्रकार होती है:

6 CO2 +12H2O + प्रकाश + क्लोरोफिल → C6H12O6 + 6 O2 + 6 H2O + क्लोरोफिल

कार्बन डाईआक्साइड + पानी + प्रकाशभाग नहीं लेता है बल्कि इस अभिक्रिया के लिये प्रकाश की उपस्थिति आवश्यक है। इस रासायनिक क्रिया में कार्बनडाइऑक्साइड के ६ अणुओं और जल के १२ अणुओं के बीच रासायनिक क्रिया होती है जिसके फलस्वरूप ग्लूकोज के एक अणु, जल के ६ अणु तथा ऑकसीजन के ६ अणु उत्पन्न होते हैं।

इस क्रिया में मुख्य उत्पाद ग्लूकोज होता है तथा ऑक्सीजन और जल उप पदार्थ के रूप में मुक्त होते हैं। इस प्रतिक्रिया में उत्पन्न जल कोशिका द्वारा अवशोषित हो जाता है और पुनः जैव-रासायनिक प्रतिक्रियाओं में लग जाता है।

मुक्त ऑक्सीजन वातावरण में चली जाती है। इस मुक्त ऑक्सीजन का स्रोत जल के अणु है कार्बनडाइऑक्साइड के अणु नहीं। अभिक्रिया में सूर्य की विकिरण ऊर्जा का रूपान्तरण रासायनिक ऊर्जा में होता है। जो ग्लूकोज के अणुओं में संचित हो जाती है। प्रकाश-संश्लेषण में पौधों द्वारा प्रति वर्ष लगभग १00 टेरावाट की सौर्य ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा के रूप में भोज्य पदार्थ के अणुओं में बाँध दिया जाता है।

 इस ऊर्जा का परिमाण पूरी मानव सभ्यता के वार्षिक ऊर्जा खर्च से भी ७ गुणा अधिक है।

यह ऊर्जा यहाँ स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित रहती है। अतः प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया को ऊर्जा बंधन की क्रिया भी कहते हैं। इस प्रकार प्रकाश-संश्लेषण करने वाले सजीव लगभग १0,00,00,00,000 टन कार्बन को प्रति वर्ष जैव-पदार्थों में बदल देते हैं।

Light Reaction of Photosynthesis : प्रक्रिया और वैज्ञानिक मत

प्रकाश-संश्लेषण एक अत्यंत महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रिया है, जिसमें पौधे जल को तोड़कर ऑक्सीजन छोड़ते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को शर्करा में बदलते हैं। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से हरे पौधों में होती है। हालांकि यह एक सामान्य-सा समीकरण लगता है, फिर भी यह वर्षों से वैज्ञानिकों के बीच अध्ययन और बहस का विषय रहा है कि किस तरह साधारण CO₂ और पानी मिलकर जटिल कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं।

इस क्रिया को समझने के लिए समय-समय पर विभिन्न वैज्ञानिकों ने अपने-अपने मत प्रस्तुत किए। इनमें बैयर, विल्सटेटर, स्टाल और बाद में आरनोन के विचार प्रमुख रहे। शुरुआती वैज्ञानिक मत केवल ऐतिहासिक महत्व के रह गए क्योंकि बाद के प्रयोगों ने इन्हें पूरी तरह सही नहीं माना।

1968 में आरनोन ने यह प्रमाणित किया कि प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में क्लोरोप्लास्ट में मौजूद फैरोडोक्सिन प्रोटीन की अहम भूमिका होती है। आधुनिक विज्ञान के अनुसार, प्रकाश-संश्लेषण में उत्पन्न ऑक्सीजन का स्रोत जल होता है।

आज यह सिद्ध हो चुका है कि प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया दो चरणों में पूरी होती है —

  1. प्रकाश प्रक्रिया (Light Reaction of Photosynthesis)
  2. अंधकार प्रक्रिया

इन दोनों में प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया (Light Reaction of Photosynthesis )अधिक तेजी से होती है और यह अंधकार प्रक्रिया की अपेक्षा पहले सम्पन्न होती है।

प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया (Light Reaction of Photosynthesis ) : क्या होता है इसमें?

प्रकाश-संश्लेषण की प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया (Light Reaction of Photosynthesis ) मुख्य रूप से पौधे की उन कोशिकाओं में होती है, जिनमें क्लोरोप्लास्ट होते हैं। विशेषकर पत्तियों के मीसोफिल ऊतक में, क्योंकि यहीं क्लोरोप्लास्ट की संख्या सबसे अधिक होती है।

इस प्रक्रिया को हिल प्रक्रिया या फोटोकेमिकल प्रक्रिया भी कहते हैं। इस दौरान क्लोरोफिल प्रकाश की उपस्थिति में फोटॉन को अवशोषित करता है। प्रत्येक क्लोरोफिल अणु जब एक क्वांटम प्रकाश को अवशोषित करता है, तो वह उच्च ऊर्जा स्तर पर जाकर एक इलेक्ट्रॉन छोड़ता है। यही ऊर्जा एटीपी (ATP) के निर्माण में काम आती है। इस प्रक्रिया को फॉस्फोराइलेशन कहते हैं।

इस तरह सूर्य की ऊर्जा एटीपी के रूप में रासायनिक ऊर्जा में बदल जाती है, जो आगे CO₂ को शर्करा में परिवर्तित करने और अन्य रासायनिक क्रियाओं में काम आती है।

प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया

फोटोलाइसिस और ऑक्सीजन का निर्माण

इस Light Reaction of Photosynthesis में पानी का अपघटन (फोटोलाइसिस) होता है। सक्रिय क्लोरोफिल के संपर्क में आकर पानी हाइड्रोजन और हाइड्रॉक्सिल आयन में टूट जाता है।

समीकरण:

क्लोरोफिल + प्रकाश → सक्रिय क्लोरोफिल
H₂O + सक्रिय क्लोरोफिल → H⁺ + OH⁻

इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन जल से मुक्त होती है और हाइड्रोजन NADP द्वारा ग्रहण कर NADPH₂ बनाता है।

यह सिद्ध किया गया है कि पौधे द्वारा निकाली जाने वाली ऑक्सीजन वास्तव में पानी से ही आती है, न कि CO₂ से। हिल और रूबेन ने O₁₈ आइसोटोप का उपयोग करके इस बात की पुष्टि की थी।

Light Reaction of Photosynthesis: प्रकाश संश्लेषण की रोशनी वाली क्रिया

प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया दो भागों में होती है — एक होती है प्रकाश क्रिया (Light Reaction of Photosynthesis) और दूसरी अंधेरी क्रिया (Dark Reaction)। प्रकाश क्रिया वो चरण है, जिसमें सूर्य की रोशनी की उपस्थिति में ऊर्जा युक्त अणु एटीपी (ATP) और NADPH2 का निर्माण होता है।

फॉस्फोरीलेशन क्या है?

प्रसिद्ध वैज्ञानिक आरनन के अनुसार, प्रकाश क्रिया मुख्य रूप से एटीपी (Adenosine Triphosphate) के निर्माण से जुड़ी होती है। जब ADP में एक फॉस्फेट ग्रुप जुड़ता है, तो एटीपी बनता है। इस क्रिया को फॉस्फोरीलेशन (Phosphorylation) कहा जाता है। और क्योंकि इसमें सूर्य की रोशनी जरूरी होती है, इसलिए इसे फोटो-फॉस्फोरीलेशन भी कहते हैं।

प्रकाश क्रिया के प्रकार

आरनन के अनुसार, प्रकाश क्रिया (Light Reaction of Photosynthesis) दो तरह की होती है:

1. अयुग्म फोटो-फॉस्फोरीलेशन (Non-Cyclic Photophosphorylation)

इस प्रक्रिया में पानी (H₂O) के विघटन से इलेक्ट्रॉन लगातार निकलते रहते हैं। क्लोरोफिल ‘a’ के सक्रिय होने पर ये इलेक्ट्रॉन फेरेडॉक्सिन को ट्रांसफर होते हैं, जो उन्हें NADP को देता है। NADP, पानी से निकली हाइड्रोजन पकड़कर NADPH₂ में बदल देता है। इस दौरान ATP भी बनता है।

संक्षिप्त समीकरण:
24H₂O → 24OH + 24H
12NADP + 24H → 12NADPH₂
24OH → 12H₂O + 6O₂

2. युग्म फोटो-फॉस्फोरीलेशन (Cyclic Photophosphorylation)

इसमें क्लोरोफिल ‘a’ सक्रिय होकर इलेक्ट्रॉन को बाहर भेजता है। ये इलेक्ट्रॉन फेरेडॉक्सिन व प्लास्टोक्विनोन होते हुए साइटोक्रोम व क्लोरोफिल ‘a’ में लौट आते हैं। इसमें भी ATP बनता है, लेकिन कोई NADPH₂ नहीं बनता और न ही पानी का विघटन होता है।

प्रकाश संश्लेषण में ऑक्सीजन का निर्माण

दिन के समय पौधे प्रकाश संश्लेषण के दौरान ऑक्सीजन छोड़ते हैं। यह ऑक्सीजन प्रकाश क्रिया (Light Reaction of Photosynthesis) के दौरान पानी के विघटन से उत्पन्न होती है, न कि CO₂ से। यही वजह है कि पौधे दिन में वातावरण को ऑक्सीजन से भर देते हैं, जो हमारे लिए जीवनदायिनी है।

अंधेरी क्रिया (Dark Reaction) या केल्विन चक्र

इस प्रक्रिया के लिए सूर्य की रोशनी आवश्यक नहीं होती। इसमें CO₂, NADPH₂ से मिली हाइड्रोजन और ATP की मदद से कार्बोहाइड्रेट्स जैसे ग्लूकोज का निर्माण होता है।

केल्विन व बैनसन ने रेडियो-आइसोटोप तकनीक से पता लगाया कि इस प्रक्रिया में सबसे पहले 3-कार्बन वाला फॉस्फोग्लिसेरिक अम्ल (PGA) बनता है, जो बाद में कई रासायनिक क्रियाओं से ग्लूकोज में बदलता है।

इस पूरी प्रक्रिया के लिए एक 5-कार्बन यौगिक — राइबुलोज-1,5-बिसफॉस्फेट (RuBP) — CO₂ को पकड़ता है और फिर NADPH₂ और ATP की मदद से इसे ग्लूकोज में बदल देता है।

C3 और C4 पौधे : प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया में अंतर

प्रकाश-संश्लेषण की अंधेरी प्रक्रिया (Dark Reaction) में जिन पौधों में पहला स्थाई यौगिक फास्फोग्लिसरिक अम्ल (PGA) बनता है, उन्हें C3 पौधे कहा जाता है। यह 3 कार्बन का यौगिक होता है। इसी आधार पर इनका नामकरण C3 हुआ। वहीं जिन पौधों में पहला स्थाई यौगिक 4 कार्बन वाला बनता है, उन्हें C4 पौधे कहते हैं। इसमें बनने वाला यौगिक सामान्यतः ऑक्सालोएसिटिक अम्ल (OAA) होता है।

पहले माना जाता था कि प्रकाश-संश्लेषण में कार्बन डाइऑक्साइड का स्थिरीकरण केवल C3 या केल्विन चक्र के ज़रिए ही होता है, लेकिन 1966 में हैच और स्लैक ने अपने अध्ययन में यह साबित किया कि कुछ पौधों जैसे गन्ना, मक्का और अमेरेन्थस में कार्बन डाइऑक्साइड एक अलग पथ से स्थिर होती है। इसमें फॉस्फोइनॉल पाइरूवेट (PEP) नामक 3 कार्बन यौगिक, कार्बन डाइऑक्साइड से मिलकर 4 कार्बन वाला ऑक्सालोएसिटिक अम्ल बनाता है। इस प्रक्रिया में PEP कार्बोक्सिलेज एंजाइम उत्प्रेरक की भूमिका निभाता है।

प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया (Light Reaction of Photosynthesis ) : प्रकाशीय अभिक्रिया की भूमिका

प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया (Light Reaction of Photosynthesis ) या प्रकाशीय अभिक्रिया, प्रकाश-संश्लेषण की वह प्रक्रिया है जो सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होती है। इसमें क्लोरोफिल सूर्य की ऊर्जा को अवशोषित करके रासायनिक ऊर्जा में बदलता है। इस ऊर्जा से जल के अणु H⁺ और OH⁻ आयन में टूटते हैं। यही क्रिया प्रकाश-संश्लेषण की जैवरासायनिक प्रक्रिया को शुरू करती है।

प्रकाशीय अभिक्रिया के दौरान उत्पन्न ऑक्सीजन उप-उत्पाद के रूप में वातावरण में मुक्त होती है और हाइड्रोजन आयन आगे की अंधेरी क्रिया (Dark Reaction) में ग्लूकोज बनाने में मदद करते हैं।

प्रकाश-संश्लेषण के लिए आवश्यक चार प्रमुख अवयव होते हैं :

  1. प्रकाश
  2. जल
  3. कार्बन डाइऑक्साइड
  4. पर्णहरित (क्लोरोफिल)

इन अवयवों के बिना प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया संभव नहीं।

प्रकाश-संश्लेषण को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक

प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया को कई बाहरी और आंतरिक कारक प्रभावित करते हैं। बाहरी कारकों में — प्रकाश की तीव्रता, तापमान, कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा और जल शामिल हैं। जबकि आंतरिक कारकों में — पत्तियों में पर्णहरित की मात्रा, कोशिकाओं का जीवन्त द्रव्य (प्रोटोप्लाज्म), पत्तियों की आयु और संरचना का विशेष महत्व है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि जब प्रकाश-संश्लेषण एक साथ कई कारकों पर निर्भर करता है, तब इसकी दर सबसे कम उपस्थित कारक द्वारा नियंत्रित होती है। इसी को सीमाबद्ध कारक कहा जाता है।

प्रकाश प्रतिक्रिया की प्रमुख घटनाएँ

1. प्रकाश का अवशोषण

सूर्य का प्रकाश जब पौधे की पत्तियों पर पड़ता है, तो क्लोरोफिल (Chlorophyll) और अन्य पिगमेंट इसे अवशोषित कर लेते हैं। ये पिगमेंट प्रकाश ऊर्जा को पकड़कर इलेक्ट्रॉनों को उत्तेजित करते हैं।

2. फोटोऑक्सीकरण (Photo-oxidation)

प्रकाश ऊर्जा के प्रभाव से जल अणु (H₂O) का विघटन होता है, जिसे फोटोलाइसिस ऑफ वाटर (Photolysis of Water) कहते हैं। इस प्रक्रिया में जल से H⁺ आयन, इलेक्ट्रॉन और ऑक्सीजन बनती है।

फोटोऑक्सीकरण (Photo-oxidation)

3. इलेक्ट्रॉन ट्रांसपोर्ट सिस्टम (ETS)

क्लोरोफिल से निकले उच्च ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉन इलेक्ट्रॉन ट्रांसपोर्ट चेन (ETC) में प्रवेश करते हैं। ये इलेक्ट्रॉन विभिन्न अणुओं के बीच स्थानांतरित होते हैं और इसी दौरान ATP और NADPH का निर्माण होता है।

4. ATP का निर्माण

इलेक्ट्रॉनों के इस प्रवाह से ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे ADP और Pi (inorganic phosphate) मिलकर ATP का निर्माण करते हैं। इसे फोटॉफॉस्फोरिलेशन (Photophosphorylation) कहा जाता है।

5. NADPH का निर्माण

इलेक्ट्रॉन और H⁺ आयन, NADP⁺ अणु के साथ जुड़कर NADPH का निर्माण करते हैं, जो बाद में अंधकार प्रतिक्रिया में उपयोग होता है।

निष्कर्ष: प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया (light reaction of photosynthesis)

प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया (light reaction of photosynthesis) प्रकृति की सबसे महत्वपूर्ण और अद्भुत प्रक्रिया है। इसमें सूर्य की ऊर्जा को उपयोग में लाकर ATP और NADPH का निर्माण होता है, जो बाद में पौधों के भोजन बनाने में सहायक होते हैं। इस प्रक्रिया के बिना जीवन का चक्र संभव नहीं होता। वायुमंडल में ऑक्सीजन का स्तर बनाए रखने और ऊर्जा के उत्पादन में इसका बड़ा योगदान है। इसलिए, इसे समझना न केवल विद्यार्थियों के लिए, बल्कि हर प्रकृति प्रेमी के लिए भी आवश्यक है।

प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया (light reaction of photosynthesis) : 10 महत्वपूर्ण FAQ

प्रकाश प्रतिक्रिया क्या है?

प्रकाश प्रतिक्रिया वह प्रक्रिया है, जिसमें सूर्य की ऊर्जा का उपयोग कर ATP और NADPH का निर्माण होता है। यह प्रतिक्रिया केवल प्रकाश की उपस्थिति में होती है।

प्रकाश प्रतिक्रिया कहाँ पर होती है?

प्रकाश प्रतिक्रिया पौधों के क्लोरोप्लास्ट के थायलाकोइड झिल्लियों (Thylakoid Membranes) पर होती है।

प्रकाश प्रतिक्रिया के दौरान जल अणु का विघटन किस प्रक्रिया से होता है?

इसे फोटोलाइसिस ऑफ वाटर (Photolysis of Water) कहा जाता है, जिसमें जल के अणु टूटकर H⁺ आयन, इलेक्ट्रॉन और ऑक्सीजन बनते हैं।

प्रकाश प्रतिक्रिया के मुख्य उत्पाद क्या हैं?

प्रकाश प्रतिक्रिया में तीन मुख्य उत्पाद बनते हैं —
ATP
NADPH
ऑक्सीजन (O₂)

फोटॉफॉस्फोरिलेशन क्या है?

ADP और इनऑर्गेनिक फॉस्फेट (Pi) से ATP के निर्माण की प्रक्रिया को फोटॉफॉस्फोरिलेशन कहते हैं।

साइक्लिक और नॉन-साइक्लिक फोटॉफॉस्फोरिलेशन में क्या अंतर है?

साइक्लिक फोटॉफॉस्फोरिलेशन में इलेक्ट्रॉन वापस क्लोरोफिल में लौटते हैं और केवल ATP बनता है।
नॉन-साइक्लिक फोटॉफॉस्फोरिलेशन में इलेक्ट्रॉन NADP⁺ को ट्रांसफर होते हैं और ATP, NADPH व ऑक्सीजन — तीनों बनते हैं।

प्रकाश प्रतिक्रिया में कौन-कौन से पिगमेंट भाग लेते हैं?

मुख्य रूप से क्लोरोफिल-a, क्लोरोफिल-b, कैरोटीन और ज़ैंथोफिल पिगमेंट भाग लेते हैं।

प्रकाश प्रतिक्रिया के दौरान ऑक्सीजन कैसे बनती है?

जल अणु के विघटन (Photolysis) के दौरान इलेक्ट्रॉन और हाइड्रोजन आयन के साथ ऑक्सीजन मुक्त होती है, जो वायुमंडल में छोड़ दी जाती है।

प्रकाश प्रतिक्रिया का क्या महत्व है?

इससे ATP और NADPH बनते हैं, जो प्रकाश संश्लेषण की अगली कड़ी अंधकार प्रतिक्रिया (Dark Reaction) में कार्बन डाईऑक्साइड को ग्लूकोज में बदलने के लिए ज़रूरी होते हैं।

प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश प्रतिक्रिया का सबसे पहला चरण क्या है?

सबसे पहले सूर्य के प्रकाश का क्लोरोफिल द्वारा अवशोषण होता है, जिससे इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होकर उच्च ऊर्जा अवस्था में चले जाते हैं।

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